गुरुवार, 12 जनवरी 2017



उत्तरप्रदेश के अलीगढ जिले के जादौन राजपूतों का ऐतिहासिक शोध ।

 बयाना के राजा विजयपाल  थे जिनके 18 बेटे हुए जिनमें तिमन पाल सबसे बड़े थे।जिन्होंने सन् 1058 के लगभग अपने नाम से एक दुर्ग बनवाया था जिसे तिमन गढ़ का दुर्ग कहते है।ये किला करौली की मासलपुर तहसील में है जो करौली से 40 KM दूर है।ये बयाना और हिण्डौन से भी लगभग इतना ही दूर है ।तिमान पाल जी धर्म प्रिय शासन होने से धर्माधिकारी का खिताब मिला।इन्होंने 32 वर्ष शासन किया।इनके 11 पुत्र हुये थे।इनकी मृत्यु के बाद इनके बड़े बेटे धर्मपाल को गद्दी का बारिस घोषित किया।इनके सबसे छोटे पुत्र नेकुछ समय बाद ही जबरदस्ती से दुर्ग पर अधिकार कर लियाऔर अपने आप को महाराजा घोषित कर दिया।ऐसी स्थिति में उनके सभी पुत्रों में विद्रोह पैदा होगया।

  राजा धर्मपाल के बेटे कुंवरपाल ने मौका पाकर अपने चाचा हरिपाल को मार कर पुनः तिमंगढ़ पर कब्जा करके राजा धर्मपाल को तिमन गढ़ का शासक पुनः बनादिया गया और कुंवरपाल बयाना की तरफ चला गया और उसने कुछ संघर्षो के बाद पुनः बयाना दुर्ग पर अपना अधिकार कर लिया।
 जब मुहम्मद गौरी ने बयाना और तिमन गढ़ दुर्ग पर आक्रमण करके कब्जा कर लियातो राजा तिमनपाल के बाकी सभी बेटे दूसरे  विभिन्न स्थानों की तरफ पलायन करने लगे।उनमें से कुछ अलवर के मेव तथा खान जादा बन गए और एक भरतपुर के सिनसिनवार जाट बन गये।

 राजा तिमन पाल के 10 वे पुत्र थे राजा महीपाल जो तिमन गढ़ से माइग्रेट करके मथुरा के पास महावन में जा कर बसे ।राजा महीपाल के 5 बेटे थेजिनमें  सबसे बड़े महासिंह पाल ,मारिगपाल ,मोटिंगपाल ,छत्रपाल औरसबसे छोटे राजा सतपाल थे ।
  सोमना ,बीरपुरा ,गभाना ,मोरेना और मदौला के जादौन राजपूतों का इतिहास --------इस क्षेत्र के जादौन राजपूत राजा महिपाल के बेटे 1 राजा मोरिंग पाल के वंशज है
1 राजा मोरिंगपाल  महावन से नौगाह कुसंडा में जाकर राजा बसे। इन्होंने कुसंडा को अपनी राजधानी बनाया जो आजकल अलीगढ की इगलास व् खेर तहसील का क्षेत्र है।इनके वंशज मारपुर उर्फ़ मैदगर जादो कहलाये ।जिसे मैदगर गोत्र कहते है।जो सोमना ,मोहना ,बीरपुरा ,और मढ़ौला में पाये जाते है।

 सोमन इस्टेट पर पहले चौहान राजपूतों का अधिकार था ।लेकिन मरहट्टाओ के शासन काल लगभग सन्1800 के अंत में राजा मारिग पाल के वंशज जयराम सिंह जादौन ने सोमना तालुका का फ़ार्म जनरल पेरन से प्राप्त किया था। ठाकुर जयराम सिंह सोमना ,बीरपुरा ,गभाना के साथ -साथ अन्य 40 गांवों के जमीदार थे ।जयराम सिंह की मृत्यु से पहले उनके दो रिश्तेदारों (Collateral relatives )कुशल सिंह और रामप्रसाद सिंह जी ने कुछ जागीर में से शेयर प्राप्त किया था ।बाकी जमीदारी उनकी मृत्यु सन् 1827 के बाद उनके 3पुत्रों  में बाटी गई।सबसे बड़े पुत्र केवल सिंह को सोमना की जमीदारी दी गई ।ठाकुर हीरा सिंह को बीरपुरा की जमींदारी दी गई तथा सबसे छोटे पुत्र चन्दन सिंह जी को गभाना की जमींदारी दी गई।ठाकुर हीरा सिंह और ठाकुर चन्दन सिंह के कोई पुत्र नहीं हुआ ।ठाकुर चन्दन सिंह जी ने अपने भाई केवल सिंह जी के बेटे लेखराज सिंह जी को सन् 1866 में गोद लेलिया ।ठाकुर चन्दन सिंह की मृत्यु सन् 1871 में होने के बादलेखराज सिंह गभाना के जमींदार बने।ठाकुर हीरा सिंह की मृत्यु सन् 1871 में हुई और बीरपुरा की भी जमीन्दारी ठाकुर लेखराज सिंह जी ने प्राप्त कर ली और गभाना सबसे बड़ी जादौनों की रियासत बन गई ।बाद में ठाकुर लेखराज सिंह राइ बहादुर लेखराज सिंह कहलाने लगे।इसके बाद इनके वंशजो को राजा की उपाधि भी मिली।गभाना अलीगढ जिले की जादौन राजपूतों की बड़ी रियासत थी ।

गभाना के ठाकुर लेखराज सिंह जी का भी आगरा में जो राजपूत बच्चों की शिक्षा के लिए जो बोर्डिंग हाउस अवागढ़ नरेश राजा बलवंत सिंह जी और कोटिला के ठाकुर उमराव सिंह जी ने बनवाया था उसमें योगदान था जिससे राजपूत शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी हुये ।गभाना रियासत उस समय धनी रियासत थी ।इसके आलावा दुसरी जादौन रियासतों का भी योगदान था जिसका वर्णन में पूर्व में कर चुका हूँ

2राजा मोटिंपाल के वंशज -----महावन के राजा महिपाल के दूसरे बेटे मोटिगपाल महावन के पास ही माट में जाकर बस गये जिनके वंशज मुतवारिया जादौन कहलाये ।इनके वंसज हाथरस जिले में जाखइ और वाण -बनवारिपुर क्षेत्र में जाकर बसे ।
3  राजा महासिंह पाल के वंशज ------ये राजा महिपाल के तीसरे बेटे थे जो महावन जिला मथुरा से जाकर महवा में जाकर बसे ।जिनके वंशज ठकुरेले जादों कहलाये ।जिनकी संताने एटा जिले में खोजापुर ,बनवारीपुर क्षेत्र में पाये जाते है ।
4   राजा छत्रपाल -----राजा छत्रपाल महावन से जाकर छाता में बसे जिनके 12 गांव है ।जिनकी संतान ठाकुरेले जाट कहलाये जो अलीगढ जिले की खैर और इगलास तहसील में है जिनके 54 गांव है दोनों तहसीलों में ।
5   राजा सतपाल ------राजा सतपाल महावन से जाकर बसे कुरसंडा जिन्होंने एक जाटनी के साथ कराव किया जिनके वंशज हंगा -जाट चौधरी कहलाये जो 24 गांव का कुरसंडा राज्य हुआ जो आजकल सादावाद तहसील में है ।
 इसी तरह राजा तिमानपाल के दूसरे बेटे राजा कीर्तपाल के 6 बेटे थे जिनमे सबसे बड़े थे राजा सोनपाल जिन्होंने जलेसर में मेवातिओं को मारकर सोना गांव बसाया जिनके वंशज सोनगिरिया भरधवाज उर्फ़ भिर्गुदे राना जादौन कहलाये  जिनकी संतानो में कोटिला ,ऊमरगढ ,जाटू ,नारखी ,नीमखैरा ,जौंधरि ,ओखरा  के जादौन राजपूत आते है ।
   2 -राजा तुच्छपाल ----इन्होंने जलेसर से जाकर इगलास तहसील में तोछिगढ़ बसाया जिनके वंशज कुडेरिया जादौ कहलाये जो यहाँ सेभी विभिन्न स्थानों पर जाकर बसे ।
3  राजा कककंपाल -----ये कांकेगढ़ जाकर बसे ।जिनके वंशज नीकावत राना उर्फ़ निकुरिया जादौन कहलाये जो यहां से विभिन्न जगहों पर जाकर बसे ।
4  राजा दानीपाल ----ये अलीगढ जिले के एकरी गांव जो धनीपुर ब्लॉक में आता है जाकर बसे ।जिनका बहुत वंश विस्तार हुआ जिसका शोध अभी जारी है जिनके वंशज दमक ,दनकस ,कमालिया ,खुटिया ,डाकरे जादौन कहलाये ।

5 राजा भुखपाल----ये जलेसर के पास मुखबार गांव में जाकर बसे जिनके वंशज मुखरोलिया जादौन कलाये जिनके इस क्षेत्र में पहले 12 गांव थे ।ये भी यहाँ से विभिन्न गांवों में जाकर बसे ।
6  राजा देवनपाल -----ये जलेसर के पास पटना गांव में जाकर बसे जहाँ का पक्षी विहार पर्यटक स्थान है जिनके वंशज जतवारिया जादौन कहलाये जो पटना से विभिन्न जगहों पर जाकर बसे है ।

मैने अलीगढ जिले की जादौन राजपूत रियासत जो बाद में सोमना ,बीरपुरा को मिलाकर बड़ी रियासत गभाना बनी उसके वंसजों व् उनके किले का फ़ोटो भी दिया है ।जो आजकल गभाना में मौजूद है ।ये अवागढ़ के बाद जादौन राजपूतों की दूसरी बड़ी रियासत है ।
    ।जय हिन्द ।जय यदु वंश ।
लेखक -डा0 धीरेन्द्र सिंह जादौन ,गांव -लरहोता ,सासनी ,जिला -हाथरस  ,उत्तरप्रदेश ।

12 टिप्‍पणियां:

  1. Tomar rsja me name copy kiya gain.history dehli main dekh much bhi mat likho

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  2. Sir hamara gotra to kela Baga or visnavrat bhi kehte Suna hai purvjo Ko ,phir aapke blog me khin koi jikra nhi hai is gotra ka

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  3. Bhai yeh log kutch bhi mangadant likhte hai apna itihas khud hi banate hai ye log apne aap ko yaduwanshi bolte hai jabki kisi bhi dharmik puran me yaha tak ki bhagwat me bhi jadaun ya bhati nam kahi nahi likha hai

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  4. Bhaiyo jo bhi itihas hai bilkul sahi bol rhe hai shri ke bansaj hai jadoun yadab to jadono ka itihas chori kar rahe hai bhagban shri krishna jadono ke the

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  5. Bhaiyo ye yadab rajputo ko aaps me ladane chate hai yadab kutte hai mc hai yadab

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  6. Yadav jadoun ka itihaas chura rahe hai ye tho jabarjasti Shri Krishna ke vanshaj ban rahe hai

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  7. Bhai Sahab Krupya Bhati Jadouno Ki banshabali to batao please,

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  8. doctor saab kaa bahut bahut dhanyavaad spast jaankaari dene ke liye

    surendra pal singh

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  9. डॉ.साहब आपके द्वारा हमारे पूर्वजों के वंशावली, गोत्र संबंधी बहुत ही महत्वपूर्ण जानकारी दी है । जो कि जगा द्वारा आज भी बताई जाती है। आपका बहुत-बहुत धन्यवाद आभार

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